एलर्जी टेस्ट द्वारा एलर्जी पैदा करने वाला तत्व से बचाव के नाकामी रहने पर इम्यूनोथेरपी (Allergen Immunotherapy) द्वारा भटके हुए रोगप्रतिरोधी सिस्टम (इम्यून सिस्टम) को रास्ते पर लाया जा सकता है। (Shifting of Th2 to Th1 response to allergen) इसलिए, इम्यूनोथेरपी ही अब तक उपलब्ध इलाज में एकमात्र है जो बीमारी को हमेशा या लम्बे समय के लिए (Cure Vs Control) ठीक करने की क्षमता रखता है। इम्यूनोथेरपी दो प्रकार की होती है इंजेक्शन (SCIT) व् जीभ के नीचे रखने वाली दवा (SLIT)
हमारे शरीर में रोगप्रतिरोधी सिस्टम (Immune system) की अनावश्यक व अत्यधिक प्रतिक्रिया (excessive and abnormal reaction) को एलर्जी कहते है। सामान्य तौर पर हमारा इम्यून सिस्टम Th1 Lymphocyte (श्वेत रक्त कोशिका) द्वारा इन्फेक्शन कण्ट्रोल करता है पर एलर्जी से प्रभावित मरीजों में Th1 की जगह Th2 Lymphocytes हावी होती है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को चिड़चिड़ा बनाती है जिसके कारण हमारा इम्यून सिस्टम हमारे वातावरण में मौजूद छोटी छोटी चीजों (एलर्जी पैदा करने वाला तत्व- Allergen) को गैरजरूरी व् अत्यधिक प्रतिक्रिया (react) देता है जिसके फलस्वरूप प्रभावित अंग में सूजन (inflammation) के कारण लक्षण उत्पन्न होते है एलर्जी पैदा करने वाला तत्व के लगातार संपर्क से यह प्रक्रिया जारी रहती है व मरीज़ की बीमारी आगे बढ़ती रहती है ।
एलर्जी टेस्ट द्वारा एलर्जी पैदा करने वाला तत्व एलर्जेन का पता लगाकर इससे बचाव का प्रयास किया जाता है व इससे मरीजों को लाभ पहुँचता है। सिर्फ बचाव के नाकामी रहने पर इम्यूनोथेरपी (Allergen Immunotherapy) द्वारा भटके हुए रोगप्रतिरोधी सिस्टम (इम्यून सिस्टम) को रास्ते पर लाया जा सकता है। (Shifting of Th2 to Th1 response to allergen) इसलिए इम्यूनोथेरपी ही अब तक उपलब्ध इलाज में एकमात्र है जो बीमारी को हमेशा या लम्बे समय के लिए (Cure Vs Control) ठीक करने की क्षमता रखता है।
इम्यूनोथेरपी दो प्रकार की होती है इंजेक्शन (SCIT) व जीभ के नीचे रखने वाली दवा (SLIT) मरीज की एलर्जी की गंभीरता, प्रभवित अंग, मरीज के रहने के स्थान व् अन्य चीजों को ध्यान में रखकर इसका चुनाव किया जाता है व इसका कोर्स 3 -5 साल का होता है।
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