Jaipur Allergy & Asthma Solutions Dr. Mukesh Gupta

एडेनोइड्स (Adenoids) व टोंसिल्स (Tonsils)

एडेनोइड्स (Adenoids) व् टोंसिल्स (टॉन्सिल्स) हमारे शरीर के सामान्य अंग है। इनका साइज़ जीवन के शुरू के वर्षों (2 -7 साल) मे इम्यून सिस्टम के विकास के साथ बढ़ता है व उम्र के अनुसार कम हो जाता है। एडेनोइड्स हमारी नाक व गले के जंक्शन पर स्थित होते है व सामान्यतौर पर गले के एक्स रे (X -Ray ) या एंडोस्कोप द्वारा ही इन्हे देखा जा सकता है।

जबकि टॉन्सिल्स हमारे मुंह व गले के जंक्शन पर तालु के नीचे दोनों तरफ देखे जा सकते है। एडेनोइड्स व टोंसिल्स का एक सीमा से अधिक आकार बढ़ने पर साँस के रास्ते को अवरूद्ध करते है। जिसके कारण मुंह खोलकर सांस लेना , खर्राटे आना आदि इसके लक्षण होते है बहुत से मरीज़ों को इसमें खर्राटे के अलावा गहरी नींद के दौरान सांस में रुकावट के कारण अचानक नींद खुल जाती है व् बेचैनी व घबराहट भी हो जाती है नींद लेने में परेशानी या पूरी नींद न आने को ही अनिद्रा या स्लीप डिसऑर्डर (Sleep disorder) कहा जाता है। आमतौर पर बच्चों में नाक की एलर्जी/जुकाम (Allergic rhinits) के कारण ही टॉन्सिल (Tonsils) या एडीनोइड्स (Adenoids) का आकार बढ़ता है (overgrowth) व नींद से सम्बंधित समस्या होती है । नींद के दौरान दांत पीसना (Bruxism), दिन के समय सुस्ती व आलस रहना, पढाई या काम में मन नहीं लगना, याददाश्त का कमजोर होना (poor memory) एकाग्रता/ की कमी (concentration) व काम या पढाई के दौरान नींद की झपकियां आना भी इस बीमारी के लक्षण है जो की बीमारी (Advance stage) का सूचक है।

टॉन्सिल या एडेनोइड्स के कारण नाक बंद होने पर अगर मरीज लम्बे समय तक बिना किसी उपयुक्त इलाज के रहता है तो इसके दुष्परिणाम (कम्प्लीकेशन ) हो जाते है जैसे दांतों का टेढ़ा मेढ़ा आना, चेहरा की बनावट में विकृति, नाक से हवा में नमी नहीं आने के कारण सूखी हवा साँस द्वारा फेंफड़ों में जाने से खांसी व अस्थमा बनना व ह्रदय पर अधिक लोड के कारण कमजोरी व अन्य परिवर्तन आना इत्यादि

Treatment- आमतौर पर डॉक्टर द्वारा सुझाये एंटीहिस्टामिनिक (Antihitaminic) दवा या नाक के स्प्रे व अन्य दवा के इस्तेमाल से आराम (Medical Adenoidectomy) पाया जा सकता है परन्तु गंभीर केस में ऑपरेशन या सर्जरी की भी आवश्यकता हो सकती है। जयपुर एलर्जी अस्थमा सोल्युशन में एडेनोइड्स का इलाज भी किया जाता है।